The Definitive Guide to Shodashi
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Inspiration and Empowerment: She's a symbol of toughness and courage for devotees, particularly in the context in the divine feminine.
सा नित्यं रोगशान्त्यै प्रभवतु ललिताधीश्वरी चित्प्रकाशा ॥८॥
हस्ते पङ्केरुहाभे सरससरसिजं बिभ्रती लोकमाता
संहर्त्री सर्वभासां विलयनसमये स्वात्मनि स्वप्रकाशा
Her kind is alleged to generally be by far the most beautiful in each of the 3 worlds, a splendor that isn't merely physical but also embodies the spiritual radiance of supreme consciousness. She is commonly depicted as a resplendent sixteen-year-old Female, symbolizing Everlasting youth and vigor.
Day: On any thirty day period, eighth day with the fortnight, complete moon day and ninth working day from the fortnight are reported for being superior days. Fridays are also equally very good times.
Devotees of Tripura Sundari engage in numerous rituals and procedures to express their devotion and look for her blessings.
सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी click here मोदमाविष्करोतु ॥२॥
कामाकर्षिणी कादिभिः स्वर-दले गुप्ताभिधाभिः सदा ।
श्रीचक्रान्तर्निषण्णा गुहवरजननी दुष्टहन्त्री वरेण्या
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥७॥
The worship of Tripura Sundari is really a journey in direction of self-realization, where by her divine attractiveness serves as a beacon, guiding devotees to the final word truth.
इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।
॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥